Tuesday, 20 November 2012

कई दिन पहले आप के इसी मेल आई डी से एक मेल आया था इसमें श्री राजीव दीक्षित के वक्तायों की सीड़ी के बारे में बताया गया था। मैं दीक्षित जी का और आपके इस अभियान का बड़ा प्रशंषक हूँ। मैं वो  सीड़ी मांगना चाहता हूँ। आपके मार्गदर्शन की प्रतीक्षा में .
आपका 
अमित शंकर 


2012/11/19 MahanDeshBharat <swarnimrashtra@gmail.com>

ध्यान दीजिए.....खुदरा किराना, पेंशन और इंशोरेंस (बीमा) में विदेशियों को बुलाना भारत के भविष्य की लूट है, इसे हर हालत में रोकना होगा......
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जो वालमार्ट 15 देशो के कुल खुदरा बाजार के  65%-85% धंधे पर कब्ज़ा करने के बावजूद कुल मात्र 22 लाख लोगो को ही  नौकरी दे सकी है, व भारत 29.45 लाख करोड का धंधा करके  1,00,00,000 रोजगार कैसे दे पायेगी, जब की उलटे 4.4 करोड लोगो इससे बेरोजगार होंगे.

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एफ डी आई में 70% सामान विदेश का बेचने की गारंटी है, यानी भारत के 70% सामान का खरीददार नहीं मिलेंगे तो सामान सस्ता होगा ही और इस 70% हिस्से का रोजगार विदेश चला जायेगा और भारत के लोग रोजी खो देंगे.

विदेशी 100 रुपया एक बार लाकर हरसाल 200 विदेश ले जायेंगे जिससे रुपये का अवमूल्यन होगा..अब भारत के विकसित बनाने की संभावना शुन्य हो जायेगी.

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2016 में खुदरा बाजार करीब 45लाख करोड का होगा और इस पर यदि विदेशी कम्पनिया 65% कब्जा कर लेती है तो---
१)    ये 45 x 65% = 29.25 लाख करोड का धंधा करेंगे.
२)    इस 29.25 लाख करोड का 70% यानि 20.47 लाख करोड विदेश चला जायेगा.
३)    भारत से खरीदे गए 30% सामान पर 20% मुनाफा यानि 29.25 लाख करोड  x 30% x 20% = 1.755 लाख करोड का मुनाफा भी विदेश जायेगा.
४)    यानि कुल 20.47 + 1/755 = 22.005 लाख करोड रुपये हर साल विदेश जायेगा जिससे रुपये की ऐसी तैसी हो जायेगी.
५)    22 लाख करोड  से जितने रोजगार बिदेश में पैदा होंगे, उतने भारत में खतम होंगे.
६)    भारत में 22.005/5 =4.401 करोड रोजगार कम हो जायेंगे क्योकि 5 लाख के व्यवसाय पर एक आदमी को रोजगार मिलता है.
७)    बीमा और पेंशन का पैसे 10 साल तक कोई नहीं निकलता है, ये लुटेरे इसी कैसे प्रयोग करेंगे, इसे सिर्फ कांग्रेस ही जानती है, यह देश की असुरक्षित करने का तरीका है. यह पैसा सत्ता बनाये रखने और सट्टा बाजार में लगाया जायेगा. भारत की जनता मजबूर हो जायेगी. जब आज के चर्च और अरब नियंत्रित मिडिया हमें गुमराह कर रही है, तब क्या होगा, कल्पना करिये.
  
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कांग्रेस की झूठी तर्क जनता को बहकाना मात्र है. यदि खुदरा किराना में विदेशी दुकानों की अनुमति दी गयी तो भारत में करीब ८ करोड लोग आंशिक रूप से और ४.४ करोड लोग पूर्ण रूपें से बेरोजगार हो जाएंगे..इसकी  चिंता कौन कर रहा है.

जब भारत के पास 56000 करोड हैं विदेशियों को देने केलिए तो 15000 करोड रुपये क्यों नहीं दे दिए जाते अन्न भण्डार गृह बनाने के लिए, जिसे भारत के इंजीनियर 9 महीने में ही बना डालने की क्षमता रखते हैं.
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जब आलू का शीतगृह भंडारण खर्चा मात्र 38 पैसा प्रतिकिलो प्रति माह है तो आलू बाजार में 20/- किलो क्यों बिक रहा है. भारत भर में आढतिया मंडियों पर जानबूझकर एक खास सम्प्रदाय का कब्जा हर जगह कैसे हो जाता है जो गुंडई के बलपर सब्जी का दाम तीन गुना करवा देते हैं और किसान को मात्र २०% दाम ही मिलता है, इसके पीछे किसका नेटवर्क काम कर रहा है,

कांग्रेस ने  ऍफ़ डी आई को खुदरा बाज़ार में लाने के लिए अपने आपसे कानून बनाने की पहल कर लिया और किसी से चर्चा तक नहीं किया जिस पर पूरा भारत विरोध कर रहा है और कालाधन जो पूरा भारत चाहता है उस पर उल्टा ऐसे ऐसे समझौते कर रहे है की भविष्य  कोई भी पार्टी उसको ला ही न सके.

बीजेपी की जिम्मेदारी है की वह अविश्वास प्रस्ताव लाए जिससे खुदरा-पेंशन-बीमा की एफ डी आई रोकी जा सके.

जय भारत

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क्या यह देश सिर्फ उन्ही लोगो का है जो सीमाओं पर मर जाते हैं??? सोचिये...... 

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